मक्सूदनगढ़ में एक और दलित की मौत यह कहना गलत नहीं होगा इन दिनों आए दिन दलितों के साथ मक्सूदनगढ़ क्षेत्र में हो रहे अत्याचार देखने को मिल रहे है ऐसे सा ही एक और ताजा मामला सामने आया है मक्सूदनगढ़ के बारूद गांव में उषा नाम की नाबालिक लड़की अपने ही घर में फांसी के फंदे पर झूलती हुई अपने परिजनों को मिली मृतक उषा के भाई ने बताया की मुझे जैसे ही जानकारी लगी तो में अपने घर के लिए दौड़ा और घर में जेसे ही पहुंचा तो घर के भीतर मेरी बहन फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली फिर मैंने पुलिस को फोन लगाया पर पुलिस नहीं पहुंची बहुत इंतजार करने के बाद मैंने ही अपनी बहन को फंदे से उतारा और मोटरसाइकिल पर उसका शव रखकर मक्सूदनगढ़ अस्पताल लेकर पहुंचा यह कोई पहला मामला नहीं है जो प्रशासन का दलितों की और ऐसा रवैया देखने को मक्सूदनगढ़ में मिला हो ऐसे पहले भी कई मामलो मक्सूदनगढ़ में सामने आ चुका है चाहे मुन्ना अहिरवार का मामला हो जिसने अस्पताल के गेट पर तड़प तड़प कर अपनी जान दे दी जिसको पुलिस मक्सूदनगढ़ अस्पताल के गेट पर ही छोड़ कर चली गई थी और भी ऐसे कई मामले हैं दलित परिवारों के जो कि इंसाफ के लिए आज भी दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है और उन गरीब दलितों को अधिकारियों द्वारा गुमराह कर दिया जाता है और वह इंसाफ के लिए गुना से मक्सूदनगढ़ मक्सूदनगढ़ से गुना के चक्कर काटते रहते है पर उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाता ऐसा ही एक मामला है मक्सूदनगढ़ के तोरई गांव का भरोसा अहिरवार जिसकी जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है और उसकी मक्सूदनगढ़ में सुनने के लिए कोई आला अधिकारी तैयार नहीं है भरोसा अहिरवार ने गुना कलेक्टर महोदय एस पी महोदय से अपनी समस्या के लिए गुहार लगाई तो जिले के अधिकारियों ने भी मक्सूदनगढ़ थाना प्रभारी को लिख कर दे चुके हैं पर आज भी समस्या का समाधान भरोसा हर बार का नहीं हुआ है जिसकी शिकायत जिले भर के अधिकारियों से भरोसा है हर बार कर चुका है हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि जिला अधिकारियों के दवाब के बाद फिर मकसूदन थाना प्रभारी ने जमीन पर कब्जा कर रहे लोगों पर मामला दर्ज किया हरिजन एक्ट का भी मुकदमा दर्ज कर लिया पर उन आरोपियों का मक्सूदनगढ़ पुलिस ने आज तक चालान कोर्ट में पेश नहीं किया चालान कोर्ट में पेश करने के लिए आज भी भरोसा अहिरवार निवासी तोरई अधिकारियों कें हाथ पांव जोड़ रहा है पर ने पुलिस ने रोपियों का कोर्ट में चालान पेश नहीं किया सूत्र बताते हैं कि मक्सूदनगढ़ पुलिस ने 114 से भी ज्यादा केसों के चालान कोर्ट में पेश नहीं किए हैं यही कारण है कि इन केसों के आरोपी दूसरी घटनाओं को आज भी अंजाम दे रहे हैं